सामुदायिक कार्यक्रम का अर्थ - Samudayik karyakram ka arth

कार्यक्रम का अर्थ सरल है। उसका वही अर्थ है जो योजना का है, इस तरह भी कहा जा सकता है कि कार्यक्रम और योजना एक ही शब्द के दो पर्याय हैं। इसके विपरीत समुदाय शब्द के अनेक अर्थ हैं । किन्तु यहाॅ समुदाय का अर्थ 'एक ही स्थान में रहने वाले तथा समान अधिकार…

पंचायती राज का इतिहास - History of Panchayati Raj in India

प्राचीन भारत के आदिम समाज से ही पंचायतें शासन की रीढ रही हैं, जो काल के प्रभाव से प्रभावित हुए बिना ही अब तक की अपनी विकास यात्रा निर्वाध रूप से पूरी करते हुए अपने वर्तमान स्वरूप तक आयीं । यद्यपि प्राचीन भारत का प्रशासनिक इतिहास निर्विवाद रूप से राजतं…

विदेशी सहायता क्या है विदेशी सहायता के मुख्य स्रोत। Videshi sahayata kya hai

अंतर्राष्ट्रीय राजनीति में विदेशी सहायता एक अवधारणा के रूप में द्वितीय विश्व युद्ध के बाद का विकास है किन्तु तब से अब तक विदेशी सहायता, विदेश नीति का एक प्रभावी उपकरण रही है, विशेषकर महाशक्तियों की विदेश नीति के संदर्भ में विशेषकर सम्पूर्ण शीत युद्ध क…

पाकिस्तान का सामान्य परिचय

पाकिस्तान (Pakistan) भारत का ही एक अंग था। इसकी राजधानी इस्लामाबाद है । क्षेत्रफल की दृष्टि से पाकिस्तान का विस्तार 8.87,811 वर्ग किमी0 में है, जहाँ लगभग 12,93,00,900 व्यक्तियों की जनसंख्या निवास करती है। यहाँ की मुद्रा "रूपया" है । इस्लामाब…

नेपाल का सामान्य परिचय

विश्व का एकमात्र हिन्दू राष्ट्र नेपाल की राजधानी काठमांडू है, इस राष्ट्र का क्षेत्रफल 1,47,181 वर्ग किमी0 है, जहाँ 2,35,01,000 जनसंख्या निवास करती है, यहाँ नेपाली भाषा बोली जाती है। यहाँ बहने वाली प्रमुख नदियाँ कर्नाली, गंडक, कोसी आदि (मंची, सागरमाथा,…

नाड़ी शोधन प्राणायाम की विधि और लाभ - Nadi Shodhan Pranayama In Hindi

इस प्राणायाम को नाड़ी शोधन प्राणायाम के नाम से इसलिये जाना जाता है, क्योंकि इसके निरंतर अभ्यास से हमारे शरीर की सभी नाड़ियों का शुद्धिकरण भलि प्रकार से हो जाता है। यानि हमारे शरीर के अंदर जो 72.864 नाड़ियाँ है वे सभी नाड़ी शोधन के अभ्यास से शुद्ध हो ज…

धनुरासन करने की विधि और लाभ - Benefits of Dhanurasana in Hindi

इस आसन की अंतिम अवस्था में हाथ एवं पैरों को कमान की तरह ताना जाता है जिससे इसकी आकृति धनुष की भांति दिखाई पडती है इसलिये इसे धनुरासन कहते है । यह आसन शरीर संवर्धनात्मक आसनों के अंतर्गत आता है। धनुरासन की विधि (पेट के बल लेटकर) दोनों हाथ साईड में, हाथ …

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